बहराइच विशेष वार्ता। हिन्दू स्वयं सेवक संघ नेपाल की आयोजन में नेपालगञ्ज उप–महानगरपालिका वार्ड नं. ९ रामलीला मैदान में प्रतियोगितात्मक परीक्षा सम्पन्न हुआ है ।
भूपेन्द्र अधिकारी द्वारा संचालित कार्यक्रम संयोजक खड्ग बहादुर बोहरा के अध्यक्षता में प्याब्सन नेपाल के नगर अध्यक्ष मान बहादुर थापा के प्रमुख आतिथ्य में सम्पन्न स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा विभिन्न निजी तथा सरकारी विद्यालय करके ३६ विद्यालय में अध्ययनरत बालक-बालिकाओं की सहभागिता रही थी ।
विश्व हिन्दू परिषद् राष्ट्रिय महिला विभाग प्रमुख कृष्णा देबी पाण्डेय ने वह स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा में कक्षा ६ से १२ कक्षा तक के विद्यार्थी भाग लिये थे जानकारी दी ।
कार्यक्रम में महेन्द्र माध्यमिक विद्यालय नेपालगञ्ज कक्षा ९–में अध्ययनरत गीता कुवँर योगी प्रथम हुई थी उनको १५ हजार रुपैया, मूनतारा माध्यमिक विद्यालय राँझा कक्षा–९ में अध्ययनरत दुर्गेश कलवार द्वितीय हुये थे उनको १० हजार रुपैया, और यूनाइटेड माध्यमिक विद्यालय कक्षा–९ में अध्ययनरत निर्जल रेग्मी तृतीय हुये थे उनको 5 हजार रुपैया की पुरस्कार की साथ–साथ प्रमाण–पत्र प्रदान किया गया । इसी तरह वह कार्यक्रम में सान्त्वना हुये विद्यार्थियों को 500 -500 सौ रुपैया की साथ साथ प्रमाण–पत्र प्रदान किया गया था ।
समावेशी इग्लिंश मिडियम नेपालगञ्ज के सन्दिप केसी, सुहंम सिंह, पशुपति शिक्षा मन्दिर के नबीन शाही, आर्दश माध्यमिक विद्यालय के बिजय अधिकारी, आशीष भण्डारी, आर्दश मोहन क्षेत्री, नारायण खत्री, समावेशी इग्लिंश मिडियम नेपालगञ्ज के अञ्जली रावल, वेष्टजोन माध्यमिक विद्यालय के दिप्ती सिजवाल, धम्बोझी माध्यमिक विद्यालय के समिक्षा महतरा, मंगल प्रसाद माध्यमिक विद्यालय के आर्दश सिंह, सिद्धार्थ बिद्या सदन फुल्टेक्रा के गणेश कुमार काँदू, आर्दश माध्यमिक विद्यालय के श्रेया गौतम, मूनतारा माध्यमिक विद्यालय के प्रशान्त सिंह, कृष्ण वर्मा, मंगल प्रसाद माध्यमिक विद्यालय के अनिता कुमारी यादव, सरस्वती माध्यमिक विद्यालय के आरती श्रीवास्तव, जीभीएन स्कूल के अन्नत बुढा, सान्त्वना पुरस्कार 500. 500 सौ रुपैया की साथ साथ प्रमाण–पत्र प्रदान किया गया । इसी तरह कार्यक्रम में सरस्वती माध्यमिक विद्यालय नेपालगञ्ज और नारायण माध्यमिक विद्यालय नेपालगञ्ज ने 5.5 विद्यार्थियों के लिये सान्त्वना पुरस्कार प्रदान करने के लिये सहयोग की है बिश्व हिन्दू परिषद् राष्ट्रिय महिला बिभाग प्रमुख कृष्णा देबी पाण्डेय ने जानकारी दी ।
वह कार्यक्रम में हिन्दु स्वयंसेवक संघ भेरी कर्णाली प्रचारक विभाग के प्रमुख विकुल दाहाल, कृष्ण मुरारी प्रसाद भट्ट, राम शंकर द्विवेदी, जगदीश शुक्ला, रुपईडिहा भूमि पतन प्राद्यीकरण के मैनेजर सुधीर शर्मा, अनिल शर्मा, हिन्दू स्वयंसेवक संघ नेपाल के भेरी विभाग संघ चालक तथा अधिवक्ता रामकुमार दीक्षित, हिन्दू स्वयंसेवक संघ नेपाल नेपालगन्ज बाँकेका जिल्ला संघ चालक (अध्यक्ष) फूलचन्द तिवारी, कार्यक्रम के सह–संयोजक सन्त कुमार वर्मा, हिन्दू स्वयं सेवक संघ नेपाल बाँके जिला के कार्यवाह (सचिव) भोजराज शर्मा, पशुपति शिक्षा मन्दिर के प्राचार्य रतन बहादुर शाही, स्वयंसेवक तथा कार्यालय प्रमुख हीरालाल मौर्या लगायत निजी तथा सरकारी विद्यालय के शिक्षकों की सहभागिता रही थी । ब्राइट ल्याण्ड स्कूल नेपालगञ्ज कक्षा 9 की विद्यार्थी अर्पिता पाण्डेय ने स्वामी विवेकानन्द की बारे में प्रकाश डाली थी । इसी तरह वह कार्यक्रम में विभिन्न बिद्यलाय के बिद्यार्थियों ने नृत्य, भजन ,गीत प्रस्तुत किये थे । वह कार्यक्रम में 1 हजार 2 सौ विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा 2081 में भाग लिये थे 1 हजार 5 सौ विद्यार्थियों की सहभागिता रही थी ।
विद्यार्थियों को संस्कार और संस्कृति की ज्ञान देने की उद्देश्य की साथ पुस्तक उपलब्ध कराया गया था उसी विषय में केन्द्रित होकर प्रतियोगितात्मक परीक्षा लिया गाया था हिन्दू स्वयंसेवक संघ नेपाल के भेरी विभाग संघ चालक तथा अधिवक्ता रामकुमार दीक्षित ने जानकारी दी । कार्यक्रम में अतिथियों ने अपनी अपनी बिचार ब्यक्त किया ।
भूमिका विश्व के प्रायः सभी देशों में धर्म, संस्कृति एवं अपनी राष्ट्रीयता की ज्ञान विद्यार्थियों को कराना वो लागों की शिक्षा कार्यक्रम की महत्वपूर्ण अंग माना जाता है । दुर्भाग्यवश धर्मभूमि नेपाल में धर्म तथा संस्कृति के बारे में ज्ञान देना कोइृ भी व्यवस्था नही है । बिगत में और अभी हमारी भर्म एवं संस्कृति प्रति अनास्था उत्पन्न करने की योजनाबद्ध प्रयास हो रही है लेकिन हम लोगों ने वह प्रयास की ओर ध्यान और चेतना जागरण के लिये कार्य हुई है नही पाया गया है । नैतिक शिक्षा तथा संस्कृति शिक्षा, जो धर्म तथा संस्कृति और राष्ट्रीयता के प्राण हैं, वह बिषयों को पाठयक्रम से हटाया गया । विद्यार्थियों को अपनी बारे में कुछ जानकारी ही नही दियें । विद्यार्थियों में अपनी धर्म एवं संस्कृति के प्रति गौरव भाव जागृत करने की कोई भी प्रभावी प्रयत्न नही किया गया राष्ट्र की वर्तमान दुरावस्था की कारण माना जा सकता है ।
धर्म, नैतिकता तथा संस्कृत शिक्षा की ज्ञान कराके हमारे घात्र–छात्राओं को शिक्षित करना नितान्त आवश्यक रही है वह बात को हमारी समाज ने अनुभूति कर रही है । इस दृष्टि से हमारे विद्यार्थियों को भावनात्मक और आध्यात्मिक रुप में शिक्षित करना नितान्त आवश्यक रही है हमारी समाज ने अनुभूति कर रही है साथ ही समाज को ज्ञान एवं विज्ञान मय बनाने की प्रयत्न हो रही है । यस दृष्टि से हाम लोगों ने अपने विद्यार्थियों को भावनात्मक और आध्यात्मिक रुप में शिक्षित करना नितान्त आवश्यक है । शिक्षा व्यवस्था में अपनी शाश्वत धर्म, संस्कृति, नीति एवं राष्ट्रीयता की ज्ञान को प्रमुख स्थान देना आवश्यक है । ज्ञान–बिज्ञान के विभिन्न क्षेत्र में मानवता की बिकास के लिये हमारे पूर्वजों को अद्वितीय योगदान रही है । इस हमारे विद्यार्थियों को देकर वो लोगों में गौरवमय एवं आत्मविश्वास जागृत करना आवश्यक रही है बिचार स्वामी विवेकानन्द की “आर्दश विद्यार्थी ही आर्दश नागरिक बनेंगे” वो उद्घोष को आत्मसात् करते हुये स्वामी विवेकानंद संस्कृति ज्ञान परीक्षा से सुसंस्कृत विद्यार्थी समाज और सुसंस्कृत नेपाल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका करने की अपेक्षा किया गया है यह भूमिका रही है ।
बिगत 10 वर्ष से हिन्दू स्वयं सेवक संघ नेपाल ने ऐसी कार्यक्रम संचालन करते आ रही है । संघ के अनुसार गतवर्ष देशभर संचालन हुआ था वह कार्यक्रम में 75 हजार विद्यार्थी सहभागी हुये थे । यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष बाँके के विभिन्न पालिका में भी होते आई है ।