बहराइच। अवध वाटिका साहित्य मंच बहराइच के तत्वावधान में आयोजित नियमित पाक्षिक कवि गोष्ठी का आयोजन सेनानी भवन सभागार में किया गया जिसकी अध्यक्षता राम सागर राव (पूर्व विधायक इकौना) ने की, मुख्य अतिथि के रूप में मोहम्मद अतहरुद्दीन उर्फ़ मुन्ने भारती (चीफ प्रोग्राम कोआर्डिनेटर टीवी चैनल की उपस्थिति में कार्यक्रम का संचालन तिलक राम अजनबी ने किया व स्वयं के द्वारा माँ वीणा पाणि की वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
तत्पश्चात नवोदित रचनाकार महीपचन्द़ कन्नौजिया ने पढ़ा --जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो, आगे आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो। शाशवत सिंह पंवार ने पढ़ा --मैंने दिन को दिन कहा और रात को रात ,इसीलिए सबसे सदा मेरी बिगड़ी बात। मो0नसीम बहराइची ने पढ़ा --अगर टूटे किसी का दिल बचा पाऊं तो अच्छा हो,अगर आसां किसी का गम बना पाऊं तो अच्छा हो। शायर रईस सिद्दीकी ने पढ़ा --वतन के वास्ते खाकर कसम यह कहता हूं, लहू का आखिरी कतरा बदन से निकलेगा।तिलक राम अजनबी ने पढ़ा -अच्छी शुरूआत अब कौन करेगा, दिल से दिल की बात अब कौन करेगा।किशोरी लाल चौधरी ने पढ़ा सुन्दर फूलों से कलियों से सब करते हैं प्यार, नहीं मिला है मुझे किसी का अबतक मधुर दुलार। हास्य कवि पी0के0प्रचण्ड ने पढ़ा --जिताये तो तुम्हीं हौ मुला अब जान न पय्हौ, मगरुवा मंत्री होइगा पहिचान न पय्हौ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मोहम्मद अतहरुद्दीन उर्फ मुन्ने भारती जी को अवध वाटिका साहित्य मंच बहराइच के संरक्षक आदरणीय राम सागर राव जी व अध्यक्ष पी0के0 प्रचण्डजी के द्वारा अंगवस्त्र व प्रशस्तिपत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया इस अवसर पर रमेश चन्द्र मिश्र, संजय पासवान एडवोकेट, राहुल, शारिक शमीम व अन्य तमाम साहित्य प्रेमी बंधु उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम का आनन्द प्राप्त किया।