बहराइच। कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच प्रथम पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. संदीप कुमार कन्नौजिया के दिशा निर्देशन में निकरा परियोजना के अंतर्गत चयनित गांव जब्दी के 65 किसानों को गेहूं की प्रजाति एच. डी. 3298 और डी. बी. डब्लू 173 वितरित किया गया।
केंद्र के वैज्ञानिक डा. शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि गेहूं की एच. डी. 3298 किस्म बायोफ़ोर्टिफ़ाइड गेहूं की किस्म है. इसमें लौह और प्रोटीन की मात्रा ज़्यादा होती है. यह टर्मिनल हीट स्ट्रेस के प्रति सहनशील होती है. इसमें धारीदार जंग, पत्ती जंग, और दूसरी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है. इसकी उपज क्षमता 47.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. डा. नंदन सिंह ने बताया कि गेहूं की डी.बी.डब्लू. 173 किस्म कि उत्पादकता 47.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसके पकने की अवधि 122 दिन है। यह किस्म पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी है। यह किस्म ताप सहिष्णु है। इसमें प्रोटीन एवं आयरन में अधिकता है। इसमें बायो- फोर्टीफाईड प्रजाति-प्रोटीन 125 प्रतिशत, आयरन 40.7 पीपीएम होता है। डा. अरुण कुमार राजभर ने बताया कि किसान भाई गेहूं का प्रमाणित बीजों का हि प्रयोग करे। बिजाई से पहले किसान भाई 80 ग्राम थीराम दवा 40 किलोग्राम बीज में अच्छी तरह से मिला ले या 40 ग्राम रैक्सिल दवा को एक बैग में मिलाकर अच्छी तरह से मिलाकर बीजोपचार करे। बीजोपचार करने से गेहूं में रोग नहीं लगता है। किसानों में प्रमुख रूप से बिनोद, संतोखी,नेतराम ,चेतराम, किशोरी, अनंतराम, जगतराम, मुनेश्वर, लालजी, अमरनाथ, राजकुमार, इंदर, ओमकार, नंदू आदि किसानों को वितरित किया गया।