राजापुर गिरंट में आयोजित हुई किसान जागरूकता गोष्ठी

Vishesh Varta (विशेष वार्ता)
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बहराइच।  किसानों को पराली ना जलाने के लिए जागरूक करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की एक टीम ने गांव पहुंचकर किसानों को जागरूक किया इस दौरान वैज्ञानिकों ने पराली जलाने से होने वाले नुकसान तथा पराली न जलाने से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी। 

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर ग्राम स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम ग्राम राजापुर ग्रेंट विकासखंड बलहा में आयोजित किया गया। जिसमें केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ एस के बरगाह  ने किसानों को धान की पराली न जलाने के लिए जागरूक किया तथा बताया कि पराली जलाने से मृदा का तापमान बढ़ता है तथा कई लाभदायक जीव जैसे केंचुआ आदि जलकर नष्ट हो जाते है तथा शेष बचे पोषक तत्व नाइट्रोजन फॉस्फोरस पोटाश सल्फर आदि जलकर नष्ट हो जाते है इसी क्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ पीके सिंह ने बताया कि पराली जलाने से कई हानिकारक गैसे जैसे हानिकारक कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड ,नाइट्स ऑक्साइड  की मात्रा बढ़ जाती है जिसका सीधा बुरा असर मानव जीवन बढ़ता है इसके साथ साथ न जलाने पर फसल अवशेष को मृदा में मिलाने से कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ती है तथा मृदा सतह की कठोरता कम होती है इसी क्रम में केंद्र के वैज्ञानिक सुनील कुमार ने किसानों को फसल अवशेष के अंतर्गत हैप्पी सीडर सुपर सीडर तथा जीरो टिलेज सीड ड्रिल द्वारा किसानों से गेहूं की बुबाई करने के लिए किसानों से आग्रह किया इन मशीनों से बुवाई करने से खरपतवारों का प्रकोप भी कम होता है तथा पानी की बचत भी होती है तथा किसानों को पराली न जलाने के लिए शपथ भी दिलाई गई । जागरूकता कार्यक्रम में वरिष्ठ किसान मुखतियार सिंह,किसान व सेवानिवृत्त आर्मी कुलदीप सिंह,गुरु उपदेश सिंह,जोग सिंह,मुख्तियार, चरनजीत सिंह प्रकृति प्रेमी मिथिलेश जायसवाल सहित लगभग सौ किसान व स्कूल के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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