अवध वाटिका बैनर तले आयोजित हुई काव्य गोष्ठी कवियों ने लूटी वाह वाही

Vishesh Varta (विशेष वार्ता)
0


बहराइच। अवध वाटिका साहित्य संस्थान बहराइच के तत्वावधान में आयोजित नियमित पाक्षिक कवि गोष्ठी का आयोजन सेनानी भवन सभागार में किया गया जिसकी अध्यक्षता  रमेश चन्द्र मिश्र ने की मुख्य अतिथि शैलेन्द़ शुक्ल की वाणी वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संचालन तिलक राम अजनबी ने किया ।

 फिर नवोदित कवियत्री शहनाज ने पढ़ा --मिली मंजिलें हैं जहां में उसी को, लड़ा जो कभी मन से हारा नहीं है। मो0नसीम ने पढ़ा-- आज की दौड़ती भागती ज़िन्दगी, किसको फ़ुरसत यहाँ हाँफती ज़िन्दगी। बम्पर बहराइची ने पढ़ा --लोग जो जगमगाये जाते हैं, वो अंधेरे में पाये जाते हैं। रईस सिद्दीकी ने पढ़ा --हमने तो सबकुछ लुटा डाला वफा के नाम पर, बेवफाई ही मिली और हमने पाया कुछ नहीं। तिलक राम अजनबी ने पढ़ा --कहीं पटी तो कहीं पटा है, कहीं कहीं सब पटी पटा है । जो अजनबी के बहुत निकट थे, उन्हीं में देखो खटी खटा है।जिले के हास्य कवि व अवध वाटिका के संस्थापक पी0के0प्रचण्ड ने पढ़ा --वारे ठंडी, वारे ठंडी, अगवारे पिछवारे ठंडी।। संझा अउर सकारे ठंडी, जाय न कौरा बारे ठंडी।इस अवसर पर उपस्थित कवि विनोद पाण्डे, शाश्वत सिंह पंवार, शैलेन्द़ शुक्ल व रमेश चन्द्र मिश्र ने भी अपनी रचनाएं पढ़ी तथा रौनक शुक्ला रिन्कू श्रीवास्तव व अन्य कई साहित्य प्रेमी बंधुओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया। इस मौके पर काफी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!