बहराइच। कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच की ओर किसानों को वैज्ञानिक विधि खेती करने के साथ ही समय समय पर उन्नतशील बीजों के बारे में जानकारी दी जाती है साथ ही किसानों के खेतों में पहुंचकर वैज्ञानिकों द्वारा कीट रोगों से फसलों की सुरक्षा के लिए कीटनाशक के छिड़काव की भी जानकारी दी जाती है इसी क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच प्रथम पर केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा.शैलेन्द्र सिंह के दिशा निर्देशन में एससीएसपी परियोजना के अंतर्गत ग्राम सभा सोहरवा विकासखण्ड चितौरा के 20 महिला किसानों को प्रथम पंक्ति प्रदर्शन के लिए 4 हैक्टेयर क्षेत्रफल के लिए गेहूं की प्रजाति डी. बी. डब्लू. 187 दिया गया।
डा. सिंह ने बताया कि यह गेहूं की एक नई किस्म है इसकी पैदावार क्षमता 32.8 क्विंटल प्रति एकड़ यानी करीब 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. डा नंदन सिंह ने बताया कि यह प्रजाति प्रोटीन और आयरन से भरपूर होती है. इसमें 12 फीसदी से ज़्यादा प्रोटीन और 42 पीपीएम से ज़्यादा आयरन होता है. यह पीले जंग और गेहूं के विस्फोट रोग के लिए प्रतिरोधी है।डा. अरुण कुमार राजभर ने बताया कि इसकी औसत ऊंचाई 100 सेंटीमीटर होती है. यह 77 दिनों में फूल देती है और बुवाई के 120 दिनों में परिपक्व हो जाती है. इसकी चपाती की गुणवत्ता बेहतर होती है. यह देश भर में उच्च गर्मी सहिष्ण है। महिला किसानों में प्रमुख रूप से मीना, संगीता, सुनीता, रेखा सहित कई अन्य किसान उपस्थित रहे।