मिथिलेश जायसवाल
ब्यूरो चीफ
बहराइच। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच प्रथम पर संचालित फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना का जागरूकता कार्यक्रम ईश्वर प्रसाद मौर्य इण्टर कॉलेज निजामपुर बहराइच में मोबिलाइजेशन आफ स्कूल स्टूडेंट्स के तहत इन सीटू फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना पर 100 छात्र एवं छात्राओं को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. संदीप कुमार कन्नौजिया के दिशा निर्देशन में किया गया साथ हि प्रश्नोत्तरी और निबंध कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नंदन सिंह ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) जुताई कार्यों की आवृत्ति और तीव्रता को कम करने और पिछली कटाई से बचे हुए अवशेष की मात्रा को मिट्टी में प्रबंध करने की एक रणनीति है। जिसका लक्ष्य मिट्टी और पानी की गुणवत्ता को संरक्षित करना है जबकि कई अन्य पारिस्थितिक और आर्थिक लाभ प्रदान करना है। फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए पूसा डीकम्पोजर का उपयोग करके अवशेषों प्रबंधन किया जाता है। साथ हि हैप्पी सीडर, सुपर सीडर और जीरो सीड ड्रिल मशीन के द्वारा सीधा गेहूं की बिजाई किया जाता है। डा. अरुण कुमार राजभर ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन से इनपुट लागत में कमीआती है। उचित अवशेष प्रबंधन से सिंथेटिक कीटनाशकों और उर्वरकों की आवश्यकता कम हो जाती है। ईंधन और ऊर्जा की खपत कम होती है साथ हि साथ कम जुताई या बिना जुताई वाली खेती की तकनीक का उपयोग करके , जिसमें अक्सर खेत में कृषि अवशेष छोड़ना शामिल होता है, मिट्टी की तैयारी से जुड़ी लागत को भी कम किया जा सकता है। निबंध और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में क्रमशः पंकज, सौम्या पाठक, रोहित कुमार मौर्य और गंगाराम, सौम्या पाठक और सुमित सिंह को क्रमशः प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र एवं छात्राओं को प्रमाण पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया किया गया। जिसमें ईश्वर प्रसाद मौर्य इंटर कालेज के प्रबंधक श्रीमती सरजू देई, प्रधानाचार्य राम गोपाल यादव अध्यापकों में अंबरीश कुमार मौर्य , प्रेम पाठक, पेशकार यादव, विमल पाठक, दिनेश कुमार यादव उत्तम पाठक, लक्ष्मण प्रसाद मौर्य आदि लोग उपस्थित रहे।