सबसे पहले एक शिमला मिर्च लीजिए, फिर उसको आधा काटकर उसके बीज निकाल लीजिए और बीजों को छाँव में सुखा दीजिए। इसके बाद 50% मिट्टी और 50% कम्पोस्ट को अच्छे से मिक्स करके किसी गमले या सीडलिंग ट्रे में भर लीजिए। फिर इसके ऊपर शिमला मिर्च के बीजों को बिखेरकर मिट्टी से ढ़क दीजिए, ध्यान दें बीजों को बहुत गहराई में न लगाए, नहीं तो बीज अंकुरित नहीं होगें। इसके बाद गमले या सीडलिंग ट्रे में पानी डालकर सेमी-शेड वाली जगह पर रख दीजिए, जहां सुबह की 3 से 4 घंटे की हल्की धूप आती हो। लगभग 10 से 15 दिन में बीज अंकुरित होने लगेंगे। जब पौधे थोड़े बड़े हो जाये तो उन्हें निकालकर 8 से 12 इंच के गमलों में या जमीन में लगा दीजिए।
- शिमला मिर्च में फूल आते हैं लेकिन गिर जाते हैं और फल नहीं बनते हैं, क्या करें ?
Ans- शिमला मिर्च के पौधे को धूप वाली जगह पर लगाइए और पौधे में हर महीने 1-2 मुट्ठी वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद और साथ में एक चम्मच बोनमील या राॅक फास्फेट भी डालिए। जब पौधे पर फूल निकलना शुरू हो जाए तो आधा चम्मच राख को एक गिलास पानी में घोलकर पौधे की मिट्टी में डालिए, कुछ समय बाद पौधे पर फूल भी बनेंगे और फल भी।
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शिमला मिर्च की पत्तियाँ मुड़ी हुए निकल रही हैं क्या करें?
Ans- शिमला मिर्च के पौधे की पत्तियाँ मुड़ी हुई निकल रही हैं तो यह मरोड़िया रोग (Leaf curl) का लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए संक्रमित पत्तों को काटकर निकाल दीजिए, इसके बाद 3-4 दिन पुरानी दही या छाछ लीजिए और उसमें 4-5 लहसुन की कलियों को पीसकर मिला दीजिए। इसके बाद इस पेस्ट को 1 लीटर पानी में घोलकर, फिर छानकर संक्रमित पौधे पर हर तीसरे दिन स्प्रे कीजिए। कुछ दिन में आपका पौधा फिर से स्वस्थ और हरा-भरा हो जाएगा।