मछली विक्रय केन्द्रों पर मत्स्य विभाग द्वारा की गई छापामारी

Vishesh Varta (विशेष वार्ता)
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बहराइच । जिले में प्रतिबंधित मछली के अवैध व्यवसाय की शिकायतें संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देश पर सहायक निदेशक मत्स्य डॉ. जितेन्द्र कुमार के नेतृत्व में विभागीय टीम द्वारा तहसील सदर बहराइच अन्तर्गत ग्राम बारापत्थर स्थित मत्स्य व्यवसाई बशीर अहमद खान, नानपारा क्षेत्र के गंभीरवा बाजार स्थित मत्स्य व्यवसाई कलीम तथा अन्य क्षेत्रों के निकटवर्ती बाजारों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मत्स्य विक्रेताओं के प्रतिष्ठानो एवं टैंकों की जांच की गई। जांच के दौरान प्रतिबंधित मछली नहीं पाई गई। विक्रेताओं द्वारा पंगेशियस व देशी प्रजाति की मछली ग्रास मछली, रोहू मछली आदि का विक्रय किया जा रहा था।

सहायक निदेशक मत्स्य डॉ. कुमार द्वारा मत्स्य विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि जनस्वास्थ्य के दृष्टिगत प्रतिबंधित प्रजाति की मछली का पालन एवं बिक्री पूर्णतया प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित मछली का पालन एवं किसी प्रकार का व्यवसाय करते हुए पकड़े जाने पर दण्ड का प्राविधान है। प्रतिबंधित प्रजाति की मछली का पालन एवं व्यवसाय करने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। डॉ. कुमार ने बताया कि निरीक्षण के समय रास्ते में मछलियां ले जाते हुए एक ट्रक की जांच करने पर वाहन में बर्फ में लगी हुई पयास मछली पायी गयी जो प्रतिबंधित नहीं है। जांच के दौरान वाहन चालक से पूछताछ भी गई तथा दस्तावेज़ों की जांच पड़ताल भी की गई। 

ए.डी. मत्स्य डॉ. कुमार ने आमजन को सुझाव दिया है कि थाई मांगुर मछली ना खाएं, इसे खाने से कैंसर की बीमारी का खतरा रहता है इसलिए सरकार ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दिया है। कुछ दिन पहले ही जनपद में 9.5 कुंटल प्रतिबंधित मछली को नष्ट करया गया था। दुकानदार किसी भी सूरत में प्रतिबंधित मछली की खरीद-बिक्री न करें। अगर कोई भी दुकानदार प्रतिबंधित मछली की बिक्री करते पकड़ा गया तो उसके विरूद्ध अनिवार्य रूप से विधिक कार्रवाई की जायेगी।

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