भारत नेपाल सीमा पर संचालित एसएसबी 42 वी वाहिनी चौकी को मिला सर्वश्रेष्ठ वाहिनी खिताब

Vishesh Varta (विशेष वार्ता)
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मिथिलेश जायसवाल

बहराइच विशेष वार्ता। भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल को लगातार 03 बार सर्वश्रेष्ट वाहिनी का ख़िताब हासिल करने का गौरव प्राप्त हुआ है । इसी गौरव को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी बल के 61वें स्थापना दिवस के अवसर पर बल मुख्यालय द्वारा बल की प्रचालन एवं अहम विभिन्न गतिविधियों के आंकलन के आधार पर भारत नेपाल सीमा पर सर्वश्रेष्ट सीमा चौकी की चयन श्रेणी में एसएसबी 42वीं वाहिनी की सीमा चौकी रुपैडिहा को बल में द्वितीय स्थान से नवाजा गया है ।

बल के 61वी वर्षगाँठ समारोह के सीमांत मुख्यालय सशस्त्र सीमा बल सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में आयोजित समारोह में अमित शाह गृह एवं सहकारिता मंत्री भारत सरकार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे । मुख्य अतिथि के समक्ष बल के वीर जवानो के द्वारा सलामी, मार्च, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा विभिन्न साहसिक करतलो का प्रदर्शन किया गया । मुख्य अतिथि को कार्यक्रम के दौरान बल के गौरवशाली 61 वर्षो के इतिहास को बताया गया कि बल किस प्रकार स्पेशल सर्विस ब्यूरो से सशस्त्र सीमा बल की भूमिका में आया और केन्द्रीय सशस्त्र बलों में अपनी सर्वाधिक लोकप्रियता वाला बल बना। सशस्त्र सीमा बल पहला सीमा रक्षक बल है जिसने महिलाओं की भर्ती की तथा महिलाएं विभिन्न दुर्गम क्षेत्रों में पुरुषों से कंधे से कन्धा मिलाकर ड्यूटी का निर्वहन कर रही है। एसएसबी के 61वी वर्षगाँठ समारोह के अवसर पर गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा 42वी वाहिनी के निरीक्षिक सामान्य कुमार ऋतुराज को उनके साहसिक एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ बगहा मुठभेड़ में 04 नक्सलियों को मार गिराने हेतु गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया । इसके अतिरिक्त 42वीं वाहिनी में तैनाती के दौरांन आरक्षी/सामान्य विजय कुमार जो आन्तरिक सुरक्षा ड्यूटी हेतु जम्मू-कश्मीर  में तैनात थे।  दिनांक-21/10/2018 को पोस्ट ड्यूटी के दौरान पुलवामा में आंतकियों की गोली सर में लगने से शहीद हो गए थे उन्हें भी मरणोपरांत गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया जिसे उनकी अर्धांगिनी ने ग्रहण किया ।

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