मिथिलेश जायसवाल
ब्यूरो चीफ
बहराइच। कृषि विज्ञानं केंद्र नानपारा पर संचालित फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत ब्लॉक मिहींपुरवा के सेमरहना में स्थित एसपीवीपी इंटर कालेज में मोबिलाइजेशन ऑफ़ स्कूल स्टूडेंट के तहत इन सीटू फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना पर स्कूली विधार्थियों को जागरुक करते हुए प्रश्नोत्तरी व निबंध कार्यक्रमों का संचालन करते हुए छात्रों को पुरस्कृत किया गया । फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के नोडल अधिकारी सुनील कुमार बताया कि फसलों के अवशेष जलाने के बजाय आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए उसे खेतों में ही मिला देना चाहिए। केंद्र के फसल सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ पीके सिंह ने बताया कि फसल अवशेषों का खेतों में संरक्षण करते हुए सुरक्षित खाद्य उत्पादन करना चाहिए।
बच्चों को सही मात्रा में भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करने पर जोर दिया और कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) एक वर्षभर चलने वाली संरक्षण प्रणाली है, जिसमें आमतौर पर खेत में जुताई के उपकरणों की संख्या में कमी और/या जुताई कार्यों की तीव्रता में कमी शामिल होती है, जिसमें जुताई (मिट्टी की सतह परत का उलटना) को समाप्त करना भी शामिल होता है । केंद्र के उद्यान विशेषज्ञ उमेश कुमार ने बताया कि कृषि अपशिष्ट को कृषि उत्पादों जैसे फलों, सब्जियों, डेयरी और अनाज, साथ ही मांस, मुर्गी और फसलों की खेती और प्रसंस्करण के बाद बचे हुए अपशिष्ट के रूप में परिभाषित किया जाता है। कृषि अपशिष्ट विभिन्न ग्रामीण कार्यों के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाला अपशिष्ट है। इसमें खेतों, मुर्गीपालन घरों और बूचड़खानों से निकलने वाला उर्वरक और अन्य अपशिष्ट; फसल का अपशिष्ट; खेतों से निकलने वाला उर्वरक अपवाह; पानी, हवा या मिट्टी में प्रवेश करने वाले कीटनाशक; और खेतों से निकलने वाला नमक और अवशेष शामिल हैं। जागरुकता गोष्ठी के दौरान विद्यालय में प्रश्नोत्तरी व निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम शब्बीर मलिक, द्वितीय अमित, तृतीय रेहान तथा निबंध प्रतियोगिता में प्रथम धनंजय तृतीय अनुष्का मौर्य तृतीय रजनी सिंह रही जिन्हें प्रमाण पत्र व मेडल देकर सम्मानित व पुरुस्कृत किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य को भी प्रमाण पत्र व मोमेंटो देकर वैज्ञानिकों ने सम्मानित किया। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय के प्रबंधक अनिल कुशवाहा ने वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन के लिए आप जब भी चाहे हमारे विद्यालय के दरवाजे खुले है। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई में भी आसानी मिलेगी
इस मौके पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ पीके सिंह, एसबी सिंह , डॉ सुनील कुमार, विद्यालय के प्रधानाचार्य दुर्गेश कुमार कुशवाहा, प्रबंधक अनिल कुशवाहा, शिक्षक अवधेश जायसवाल सहित काफी संख्या में स्कूली छात्र छात्राएं उपस्थित रही।